आज मै आपको 2G 3G और 4G के बारे में बताऊंगा. अक्सर आपने सुना होगा इंटरनेट के स्पीड को लेकर 3G में इन्टरनेट बहुत तेज़ चलता है downloding और uploading भी फ़ास्ट होता है. इसी प्रकार आपके मोबाइल के सन्दर्भ में कहा जाता है कि आपकी मोबाइल 2G है या 3G है. मोबाईल से अभी हम केवल एक दुसरे की आवाज सुन सकते थे लेकिन मोबाइल में 3G आने से आवाज के साथ लाइव वीडियो के साथ बात भी कर सकते है.अभी हाल में ही 4G का भी चर्चा सुनाई दिया उसके बारे में भी आगे बाते करंगे.
मोबाइल के सन्दर्भ में 2G, 3G और 4 G को सेकंड जेनेरेसन,थर्ड जनरेशन, फोर्थ जनरेशन के नाम से जाना जाता है. फर्स्ट जनरेशन को एनालॉग के नाम से जाना जाता था.सेकंड जनरेशन की शुरुवात 1991में सिम (SUBSCRIBER IDENTITY MODULE) कार्ड के साथ हुआ था. ये तकनीक संचार क्षेत्र में बड़ी सफल रही और आवाज की क्वालिटी में काफी सुधार आया.बहुत लोग ये बात नही पता होगा 2G और 3G के बीच 2.5 G भी आया था जिसके वजह से मोबाइल में GPRS ( GENERAL PACKET RADIO SERVICE) टेक्निक का आगाज हुआ जिससे मोबाइल में इन्टरनेट सेवा का लुफ्त उठा सकते है.हमारा मोबाइल जिस जनरेशन का होगा हम उसी प्रकार के जनरेशन के टेक्नोलॉजी को यूज़ कर सकते है.
2G और 3G टेक्नोलॉजी में क्या अंतर है वह जाने :-
2 G टेक्नोलॉजी
- इसका डाटा ट्रान्सफर धीमा है
- इसका GSM (GLOBAL SYSTEM FOR MOBILE) टेक्नोलॉजी पर काम करता है.
- इसकी शुरुवात पहली बार Finland में 1991 में हुआ था.
- इसमें TDMA,CDMA नेटवर्क का भी प्रयोग होता है.
- इस टेक्नोलॉजी से वीडियो कांफ्रेस्सिंग ,लाइव टेलीविज़न तथा हाई स्पीड की इन्टरनेट सेवा नहीं मिल सकती है.
- किसी भी टेलिकॉम कंपनी को 2G नेटवर्क को सेटअप करने में कास्ट 3G के नेटवर्क से कम आता है इसलिए इस टेक्नोलॉजी का रेट सस्ता है.
- 2G नेटवर्क का डाटा स्पीड 5०,००० बिट पर सेकंड होता है
- 2G नेटवर्क नेटवर्क कम सिक्योर होता है
- 2G टेक्नोलॉजी में downloading,uploading की स्पीड 236 kbps होती है
- 2G टेक्नोलॉजी आज विश्व में लगभग सब जगह प्रचलित है .
3 G टेक्नोलॉजी
- इसका डाटा ट्रान्सफर फ़ास्ट है
- यह GPS ( GLOBAL POSITIONING SYSTEM) टेक्नोलॉजी पर काम करता है
- इसकी शुरुवात पहली बार जापान में 2001 में हुआ था
- ये 5 रेडियो नेटवर्क को सपोर्ट कर सकता है - CDMA, TDMA and FDMA. CDMA accounts for IMT-DS
- इस टेक्नोलॉजी से वीडियो कांफ्रेस्सिंग ,लाइव टेलीविज़न तथा हाई स्पीड की इन्टरनेट सेवा पर बड़े आराम से काम कर सकते है.
- किसी भी टेलिकॉम कंपनी को 3G नेटवर्क को सेटअप करने में कास्ट 2G के नेटवर्क से बहुत ज्यादा आता है जिसके वजह से ये सेवा अभी महंगी है.
- 3G नेटवर्क में डाटा स्पीड 4 million पर सेकंड होता है.
- 3G नेटवर्क ज्यादा सिक्योर होता है.
- 3 G टेक्नोलॉजी में downloading,uploading की स्पीड 5 Mbps से लेकर 21 Mbps तक होती है
- 3G टेक्नोलॉजी अभी ज्यादातर विश्व के संम्पन देशो में ही प्रचलित है. विकाशील देश अब इसकी शुरुवात कर रहे है.
आजकल 3G मोबाइल सेवा धीरे धीरे भारत में भी कॉमन होती जा रही है। पिछले कुछ समय में BSNL के बाद, टाटा डोकोमो, एयरटेल, वोडाफोन आदि कम्पनियां भी 3G वार में कूद चुकीं हैं। इस वार का नतीजा उपभोक्ताओं के लिए ही हित में होगा। हालांकि आने वाले कुछ सालों में हमें 3G के साथ साथ Fourth generation यानि 4G सेवा का भी लुत्फ उठाने का मौका मिल सकता है, लेकिन अभी हमें इसके लिए और इन्तज़ार करना होगा।
4 G टेक्नोलॉजी
4G मोबाइल टेक्नोलॉजी की वायरलैस सेवा की फोर्थ जनरेशन है .4G टेक्नोलॉजी की शुरुवात 2००8 में हुई थी . इसके पहले 2G,3G जनरेशन था. थ्री जी तकनीक में आर्थोगोनल फ्रीक्वेंसी डिवीजन मल्टीपल एक्सेस (ओएफडीएमए) के द्वारा नेटवर्क फ़ास्ट करके डाटा को तेजी से ट्रांसमिट कराया गया.लेकिन फोर्थ जनरेशन में IP टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है जो थ्री जी से बेहतर और फ़ास्ट काम करती है .फोर जी की गति १०० एमबीपीएस है जो कि थ्री जी के मुकाबले ५० गुना अधिक है.
फोर- जी के फायदे
उपयोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता की ऑडियो और वीडियो सुविधा उपलब्ध है । इसमें गति बढ़ने के साथ, टेक्स्ट,मल्टीमीडिया में समान गति होती है .4जी में डाउनलोड की स्पीड 100 मेगा बाइट प्रति सेकेंड है. 3जी में 21 मेगा बाइट प्रति सेकेंड है.इससे हाईडेफिनेशन मोबाइल टीवी और वीडियो कांफ्रेंसिंग भी की जा सकती है.फास्ट स्पीड ब्रॉडबैंड सर्विस से इंडिया को बदला जा सकता है.
भारत में 4 G सेवा की शुरुवात
इंडिया की एक बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने कोलकाता में 4जी वायरलैस ब्रॉडबैंड सर्विस की शुरुआत कर दी है. रिलायंस इंडस्ट्रीज जियो इन्फोकॉम ने १ साल के अन्दर भारत में व्यापक स्तर पर फोर जी सेवा की शुरुवात करेगी.
good knowledge sir
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